"सहनाभवतु सहनोभुनक्तु सहवीर्यं करवा वहै, तेजस्वीनाम अवधीत्मस्तु मा विद्युषावहै"
भारत का लोक हित एवं मंगलकारी यही भाव मनुष्य को देवतुल्य बनादेता है और मानव अनन्योंन्याश्रित हो कर शाश्वत-सनातन आनंद में शांति पाता हे। भारतीय मनीषा का यही गान मानव तो अपने व्यक्तिगत स्वार्थों के परे ले जा कर "वसुधैव कुटुम्बकम" के भाव में स्तिथ कर देता है।
युवाओं के प्रेरणा श्रोत स्वामी विवेकानन्द भी बार बार यही उदघोष करते है कि भारत के वैदिक ऋषि सनातन काल से यही कहते रहे कि - हे मानव, तुम भी एक दुसरे के साथ मिल कर कार्य करो, जिस प्रकार देवता लोग हवि मिल बाँट कर लेते हैं और एक दूसरे की प्रगति कर सबकी प्रगति करतें है, वैसे ही तुम भी मिल कर कार्य करो और प्रगति को प्राप्त करो।"
स्वामी विवेकानन्द को अपना आदर्श मानने वाला प्रत्येक युवा यही भाव से अनुप्राणित हो कर अपने - अपने क्षेत्र में अपनी सामर्थ के अनुसार मानव सेवा यज्ञ में अपनी सेवा आहुति देने का प्रयास करता है। विश्वभर में न जाने कितने ही ऊर्जा पुंज अपने - अपने क्षेत्रों में मानव सेवा कर रहे हैं। विवेकानंद ऊर्जा पुंज का एक लक्ष्य यह भी है कि वह इन ऊर्जा पुंजों को आपस में जोड़े और एक वृहद ऊर्जा पुंज बनाए जो दिग्दिगंत में व्याप्त अंधकार को नष्ट कर सके। ऐसा ही एक ऊर्जा पुंज समूह रामकृष्ण विवेकानंद मिशन के नाम से बिसुन्तोला (निग्वानी), अनूपपुर, मध्य प्रदेश में युवा मित्र चला रहे हैं। यह नवोदित मित्र मंडल अभी तक प्रत्येक वर्ष विवेकानन्द जयंती के कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं के बीच स्वामीजी के संदेशों को प्रसारित कराता आ रहा है।
विवेकानन्द ऊर्जा पुंज के श्री मोहन चक्रवैश्य विगत कई दिनों से अनूपपुर में पोस्टेड थे जिनका इन मित्रों से संपर्क हुआ। इन नय मित्रों ने मोहनजी के साथ मिलकर गाँव में शिक्षा उत्थान के लिए कक्षाएं प्रारंभ किं। सभी युवा मित्र विवेकानन्द ऊर्जा पुंज से अपने को अभिन्न मानते हुए इन कक्षाओं को "विवेकानन्द ऊर्जा पुंज अध्ययन केंद्र" का नाम दिया है। विवेकानंद ऊर्जा पुंज अध्ययन केंद्र का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा प्रसार करना है। वर्तमान में ऊर्जा पुंज अध्ययन केंद्र, ४ थी से १० वी कक्षा तक के निर्धन बच्चों को संस्कारों के साथ स्कूली शिक्षा दे रहा है। अनूपपुर के ये सभी उत्साह से भरे युवा भविष्य में सरे गाँव में संस्कार एवं शिक्षा प्रसार के लिए कृत संकल्पित हैं। अपने ऊपर पूरा विश्वास रखते हुए ये नये ऊर्जा पुंज भविष्य में समाज के हित में जो भी आवश्यक हो, कार्य करने के लिए प्रस्तुत है।
विवेकानंद ऊर्जा पुंज को अपने अभिन्न नये ऊर्जा पुंजों पर गर्व है एवं शुभकामनाएँ ज्ञापित करता हैं। निलेश, जागेश्वर, अशोक, कमलभान , मोहन , संतोष और बिसाहू ये सभी उत्साह एवं ऊर्जा से भरे मित्रों का ऊर्जा पुंज अभिन्नंदन करता है।
युवाओं के प्रेरणा श्रोत स्वामी विवेकानन्द भी बार बार यही उदघोष करते है कि भारत के वैदिक ऋषि सनातन काल से यही कहते रहे कि - हे मानव, तुम भी एक दुसरे के साथ मिल कर कार्य करो, जिस प्रकार देवता लोग हवि मिल बाँट कर लेते हैं और एक दूसरे की प्रगति कर सबकी प्रगति करतें है, वैसे ही तुम भी मिल कर कार्य करो और प्रगति को प्राप्त करो।"
स्वामी विवेकानन्द को अपना आदर्श मानने वाला प्रत्येक युवा यही भाव से अनुप्राणित हो कर अपने - अपने क्षेत्र में अपनी सामर्थ के अनुसार मानव सेवा यज्ञ में अपनी सेवा आहुति देने का प्रयास करता है। विश्वभर में न जाने कितने ही ऊर्जा पुंज अपने - अपने क्षेत्रों में मानव सेवा कर रहे हैं। विवेकानंद ऊर्जा पुंज का एक लक्ष्य यह भी है कि वह इन ऊर्जा पुंजों को आपस में जोड़े और एक वृहद ऊर्जा पुंज बनाए जो दिग्दिगंत में व्याप्त अंधकार को नष्ट कर सके। ऐसा ही एक ऊर्जा पुंज समूह रामकृष्ण विवेकानंद मिशन के नाम से बिसुन्तोला (निग्वानी), अनूपपुर, मध्य प्रदेश में युवा मित्र चला रहे हैं। यह नवोदित मित्र मंडल अभी तक प्रत्येक वर्ष विवेकानन्द जयंती के कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं के बीच स्वामीजी के संदेशों को प्रसारित कराता आ रहा है।
विवेकानन्द ऊर्जा पुंज के श्री मोहन चक्रवैश्य विगत कई दिनों से अनूपपुर में पोस्टेड थे जिनका इन मित्रों से संपर्क हुआ। इन नय मित्रों ने मोहनजी के साथ मिलकर गाँव में शिक्षा उत्थान के लिए कक्षाएं प्रारंभ किं। सभी युवा मित्र विवेकानन्द ऊर्जा पुंज से अपने को अभिन्न मानते हुए इन कक्षाओं को "विवेकानन्द ऊर्जा पुंज अध्ययन केंद्र" का नाम दिया है। विवेकानंद ऊर्जा पुंज अध्ययन केंद्र का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा प्रसार करना है। वर्तमान में ऊर्जा पुंज अध्ययन केंद्र, ४ थी से १० वी कक्षा तक के निर्धन बच्चों को संस्कारों के साथ स्कूली शिक्षा दे रहा है। अनूपपुर के ये सभी उत्साह से भरे युवा भविष्य में सरे गाँव में संस्कार एवं शिक्षा प्रसार के लिए कृत संकल्पित हैं। अपने ऊपर पूरा विश्वास रखते हुए ये नये ऊर्जा पुंज भविष्य में समाज के हित में जो भी आवश्यक हो, कार्य करने के लिए प्रस्तुत है।
विवेकानंद ऊर्जा पुंज को अपने अभिन्न नये ऊर्जा पुंजों पर गर्व है एवं शुभकामनाएँ ज्ञापित करता हैं। निलेश, जागेश्वर, अशोक, कमलभान , मोहन , संतोष और बिसाहू ये सभी उत्साह एवं ऊर्जा से भरे मित्रों का ऊर्जा पुंज अभिन्नंदन करता है।